एक हैल्थ कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर ने एक मीटिंग की जिसमे कुछ लोगो को घुटनो की तकलीफ, डायबिटीस, ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं थी।
डिस्ट्रीब्यूटर ने कहा यह प्रोडक्ट्स बिलकुल ज़बरदस्त है आप सबकी तकलीफ दूर करने के लिए। वर्ल्ड क्लास, नंबर 1 प्रोडक्ट है। यह प्रोडक्ट लो, इस्तेमाल करो और आप ठीक हो जाओगे।
उन लोगो ने सामने प्रोडक्ट की डिब्बी/बोतलें हाथ में ली। उस पर भाव देखा। 3500 रूपए / 2300 रूपए का प्रिंट भाव था।
वे लोग डिस्ट्रीब्यूटर को देखकर मुस्कुराने लगे और बोले “वाकई कमाल का प्रोडक्ट है आपकी कंपनी का। हमारी तकलीफें तो इसकी दाम देखकर ही ठीक हो गई।”
दोस्तों, समझने वाली बात यह है की अगर प्रोडक्ट इतने ही अच्छे होते तो प्रधानमंत्री जी खुद खड़े होकर हम तक सन्देश पहोंचा देते की यह चमत्कारी प्रोडक्ट इस्तेमाल करो और अपने रोग और बिमारिओ को भगाओ।
अस्पतालों में इतनी भीड़ नहीं होती। कोई बीमार न रहता। लेकिन वास्तविकता बहोत अलग है। जो डिस्ट्रीब्यूटरो को सुनना पसंद नहीं है। 10 में से 2 लोगों को फायदा होता है, और 200 नए लोग उनकी बात सुनकर खरीदते है। यही चक्र चलता रहता है।
ध्यान रहे
अगर बेचने वालो को इतना कॉन्फिडेंस होता, तो हर चौराहे पर दूकान होती और साफ़ लिखा होता की दर्द निवारण ना हो, तो पैसे वापिस। लेकिन ऐसा है नहीं। इसका उल्टा होता है। बॉटलो पर साफ़ लिखा होता है कि यह किसी भी तरह की दवाई नहीं है और किसी भी तरह की बीमारी या रोग ठीक करने के लिए नहीं बनाई गई।
व्यक्ति प्रोडक्ट्स लेता है ताकि उसकी समस्या दूर हो। लेकिन प्रोडक्ट्स नियमित लेने पर भी अगर किसी भी कारण उसको रिसल्ट ना मिले, तो कोई उसे पैसे नहीं लौटाएगा। बाकी डिस्ट्रीब्यूटर जो करते है वो ब्रेनवॉश करने के नुस्खे होते है।
और यह नुस्खे भी किसी डिस्ट्रीब्यूटर को सफल करने के काम नहीं आए। हाँ, कुछ महीनो या कुछ साल बाद उनका करियर ज़रूर समाप्त हो गया। और वे सभी कहाँ खो गए किसीको पता नहीं चला।
कंपनी को नए लोग मिलते रहे। जो झोला छाप डॉक्टर बन गए। जीजाजी, साले साब, सासु माँ, नज़दीक के अन्य दोस्त और रिश्तेदार एक बार, दो बार, ज़्यादा से ज़्यादा तीन बार आँख की शर्म भरकर ले लेते है। फिर कह देते है 200 रूपए ऐसे ही ले जाओ, लेकिन यह प्रोडक्ट वगैरह हमें नहीं चाहिए, आप ही रखो।
पैसो पर से ध्यान हट गया। चमत्कारी प्रोडक्ट वाले बाबा बन गए। इतना नहीं समझे कि डॉक्टर के पास से उसी चीज़ का समाधान 2 से 3 बार जाने पर ही मिल जाता है। जो बोतल वे 1000 रूपए की बेच रहे है वह फार्मेसी/दवाई के दूकान पर 300 या 500 में पहले से मिल रहा है। इसलिए करियर नहीं बना।
कंपनी अपने प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग व् बिक्री करते गए। और बड़े होते गए। लेकिन नेटवर्कर हर बार खो गया। उसका करियर समाप्त।
क्या कोई समाधान है ? जी हाँ।
पहली बात तो यह की डॉक्टरी क्यों की डिस्ट्रीब्यूटर्स ने ? पैसो के लिए ना ? तो ऐसा कहाँ लिखा है के पैसे कमाने के लिए आपको झोला छाप डॉक्टर बनकर दुसरो के बीमारियों और रोगो को ठीक करने का सांत्वना देकर लोगो को हैल्थ प्रोडक्ट्स बेचना पड़ेगा ? प्रोडक्ट रिसल्ट लाए बिना भी तो सफल हो सकते हो।
साथियों, विटामिन A, बी, सी, डी, मिनरल, कैल्शियम, प्रोटीन वगैरह जो कंपनी बेच रहे है उन्हें उनका काम करने दो। आप इस बात को समझो – अगर विटामिन एम (MONEY याने पैसा) होगा ना, तो बाकी सारे विटामिन अपने आप आ जाएगा। इसलिए पहले विटामिन एम् का जुगाड़ करो। इम्पैक्ट बिज़नेस करो, यहाँ विटामिन एम् बहोत ही अच्छे क्वालिटी का मिलता है। लीडरों ने चैक करके इसे लेना शुरू कर दिया है।
इम्पैक्ट में लोगो के रोज़मर्रा के प्रोडक्ट्स है। वो भी नेशनल ब्रैंड के। आटा, शक्कर, दाल, चावल, बेसन, मैदा, गुड़, सूजी, पोहा वगैरह भी मिलते है। इन प्रोडक्ट्स की डिमांड पहले से है। हर व्यक्ति पहले से ले रहा है। अगले महीने, सारा जीवन लेगा। आप सिर्फ उन्हें यह प्रोडक्ट्स पहुंचाकर पैसे कमा सकते हो।
सिर्फ सिस्टम से जुडो, पैसा इतना आएगा के दंग रह जाओगे। लोगो को ब्रेनवॉश करना भूल जाओगे। यहाँ ज़रूरत ही नहीं पड़ती। अपने आप लोग जॉइनिंग और रिपर्चेस करते है। घर बैठे पुरे भारत में बिज़नेस फैला सकते हो।
सिर्फ मैसेज शेर करके, फॉरवर्ड करके, कॉपी पेस्ट करके आप हर रोज़ 500 से 5000 रूपए कमा सकते हो। इससे आसान काम दूसरा कोई नहीं।
इस वेबसाईट में शक्ति है आपके जीवन को हमेशा के लिए बदल देने की। पूरा पढ़े और वीडियोस देखे










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2 thoughts on “झोलाछाप डॉक्टरी करके करियर नहीं बनेगा”
Sir join karna hai
Namaste Ashishji!
Please call 9940593793. We will guide you further.