एक दिन एक गाय जंगल में जाकर घास चर रही थी। अचानक उसने देखा कि एक शेर उसकी ओर तेज़ी से दौड़ता हुआ आ रहा है। वो तुरंत वहाँ से भाग खड़ी हुई। वो गाय मन ही मन घबरा गई थी की किसी भी समय शेर अपने पैने नाख़ून वाले पंजे उसके पीठ पर गाढ़ देगा। बेतहाशा भाग रही गाय की आँखे किसी जगह की तलाश कर रही थी जहाँ जाकर वो शेर को चकमा दे सके। आख़िरकार उसने एक सूखा हुआ तालाब देखा। शेर अपने रफ़्तार के कारण बहोत नज़दीक आ चूका था। ऐसे में बिना क्षण गवाए, गाय ने तालाब में छलाँग लगा दी। बिना सोचे, शेर भी गाय को लपकने के लिए सूखे तालाब में कुद पड़ा। दोनों को अहसास हुआ कि जिसे सूखा तालाब समझकर वे कुद पड़े, वो वास्तव में एक दलदल था। हर तरफ कीचड़ ही कीचड़ था जिसमे दोनों धँस चुके थे। शेर ने गाय पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन वो उस प्रक्रिया में दलदल के अंदर और धँसता गया। दोनों बिलकुल पास थे, लेकिन गले तक उनके कीचड़ ही कीचड़ था, सिर्फ उनके सिर कीचड़ से बाहर थे। बहोत कोशिशों के बावजूद, वे दोनों उस कीचड़ से खुद को आज़ाद नहीं कर पा रहे थे। शेर गुस्से में आकर बार बार गाय पर दहाड़ता और कहता “आज तेरी हड्डियओं का सुरमा बना देना है। तेरी हड्डियों को चबा चबाकर खाऊँगा, सोचकर ही मज़ा आ रहा है।” ऐसा कहते हुए वो झप्पट्टा मारने का प्रयास करता, लेकिन ज़रा भी हिल न पाता। गाय को शेर की हालत समझ आ गई थी और मन ही मन मुस्काते हुए उसने शेर से पूछा “क्या तेरा कोई पालक है? गुरु है ???” शेर ने झल्लाकर कहा “पागल गाय, शायद तू मुझे नहीं जानती। मै शेर हूँ। जँगल का राजा। मेरा कोई गुरु नहीं हो सकता। मै जँगल पर राज करता हूँ। मुझे किसी गुरु की ज़रूरत नहीं।” गाय मुस्कुराई और शेर से कहा “लगता नहीं है की आज जँगल के राजा अपनी जान बचा पाएंगे। तुम्हे देखकर तो यही लगता है कि तुम यमपुरी जाओगे। तुम्हारी शक्ति, तुम्हारा अहँकार तुम्हे बचा नहीं पाएंगे। एक शर्मनाक मौत मरेगा आज जँगल का राजा।” शेर गरजा “बच तो तू भी नहीं पाएगी नादान गाय। आज तेरे प्राण मुझसे पहले जाएंगे।” गाय ने मुस्कुराकर आराम से कहा “मेरे किस्मत में आज तो मरना नहीं लिखा है। मै नहीं मरने वाली। आज शाम को घर पर जाकर भोजन करके आराम से सोऊंगी।” शेर गुस्से से गुर्राया “मै जँगल का राजा होकर खुद को इस दलदल से नहीं बचा पा रहा। और तू एक मामूली सी गाय होकर बचने के सपने सजा रही है ??? मरेगी तू आज। यहीं कीचड़ में डूब मारेगी। बचने का कोई रास्ता नहीं है तेरे पास।” गाय ने धीरज रखते हुए शेर को समझाया “मै तो खुद को इस दलदल में से नहीं निकाल सकती। लेकिन मेरा पालक, जो मुझे संभालता है, वो मुझे ज़रूर निकाल सकता है। शाम को जब वो घर लौटकर देखेगा कि मै अपने जगह पर नहीं हूँ, तो वह मुझे ढूंढता हुआ यहाँ ज़रूर आ पहोंचेगा। वो मुझे इस दलदल से निकालकर पूरी सलामती के साथ घर ले जाएगा। और मेरा जीवन एक बार फिर सुख चैन से बीतेगा।” शेर के पास कोई उत्तर नहीं था। वो गुमसुम होकर गाय को गुस्से से घूरता रहा। संध्या होने वाली थी। और गाय का पालक, अपनी गैया ढूंढते हुए दलदल के पास आ पहुंचा। गाय और शेर को दलदल में देखते ही वो पूरी कहानी समझ गया। गाय को असहाय देखकर, उसने खींचकर गाय को दलदल से बाहर निकला। गाय अपने पालक को पाकर खुश हो गई। और वो सुरक्षित घर पहुंच गई। दूसरी और शेर अपने अहँकार के कारण दलदल में फँसा रहा और धीरे धीरे डूब गया।
आज ज़्यादातर लोग कंपनी को टटोलने में लगे रहते है। यह सोचते है कि कोई अच्छी प्रोफ़ाइल वाली कंपनी हाथ लग जाए तो उसके बखान करके वे बेहद अमीर हो जाएंगे, सफल हो जाएंगे। अगर ऐसा हो सकता, तो पिछले 23 सालों में वे सभी लोग जिन्होंने प्रोडक्ट रिज़ल्ट दिखाए, इनकम दिखाकर ब्रेन वॉश किया, कंपनी के ऑफिसों के बखान किये, टाई सूट पहनकर चमक दमक के चक्कर में पड़े, वे सभी अब तक सफल करोड़पति बन चुके होते।
लेकिन सच्चाई यही है कि इनमे से किसी का करियर नहीं बना। करोडो लोगो ने अपना कीमती समय, पैसा और करियर, इन्ही अहँकार रूपी शो बाज़ी के कारण गँवाया।
जो सच्चे है, वो ही अच्छे है। अहँकार किसी भी रूप में सर उठाए, महादेव उसका नाश ज़रूर करेंगे। इसी में उस व्यक्ति का कल्याण है, उसका हित है।
भव्यता छोड़, सरलता को अपनाओ। कहानी में जो गैया है, उसकी तरह समर्पण करोगे, तभी सफलता मिलेगी। आप कंपनी के कारण सफल नहीं होंगे। जी हाँ। फिर से पढ़े। आप किसी कंपनी के प्रोफ़ाइल देखकर और दिखाकर सफल नहीं होंगे।
आपकी सफलता के पीछे एक बहोत बड़ी शक्ति का हाथ होगा, जो आपका अपलाइन है। अगर आप अपने अपलाइन के साथ एक गुरु का, एक मार्गदर्शक का, एक दोस्त का, एक सहयोगी का रिश्ता रख सके, उस रिश्ते को निभा सके, तो उस कारण आप सफल होंगे। वो सफलता जो आप हमेशा से चाहते थे, वो आपको वहाँ मिलेगी।
लेकिन ज़्यादातर लोग कंपनी को टटोलकर, गलत जगह ढूंढ रहे होते है। मिशन इम्पैक्ट एक सही प्लेटफॉर्म है जिसे अच्छे, सीधे और सरल लोग बढ़ा रहे है। यह आपको सही राह दिखाएंगे। एक रिश्ते को जन्म दीजिए। और अपने अपलाइन के साथ इस रिश्ते को संभाल लेने से आपके सफल होने के चांस बहोत बढ़ जायेंगे। अपने अपलाइन को समर्पित हो जाइए।