एक बार पहाड़ी विस्तार में अँधेरी रात में सुनसान सड़क पर एक व्यक्ति अपनी कार चलाकर जा रहा था। ऐसे में लगभग 50 मीटर की दूरी पर एक व्यक्ति ज़ोर ज़ोर से हाथ दिखाकर उसकी कार को रोकने की कोशिश करने लगा।
कार चलाने वाला व्यक्ति हड़बड़ा गया। उसने गाडी थोड़ी सी धीमी कर दी। सोचने लगा। कहीं यह व्यक्ति डाकू की गिरोह का तो नहीं? मैंने गाडी रोकी और कहीं से चोर उचक्के निकलकर आ गए तो ?
यह मुझे लूटना तो नहीं चाहता ? गाडी आगे बढ़ती रही। अब सिर्फ 50 फुट का फासला बचा था।
इस व्यक्ति को कोई मदद चाहिए क्या ? इतनी रात गए यहाँ क्या कर रहा है ?
इन सब खयालो के सैलाब उसे बहा रहे थे। इसके बावजूद उसके अंदर की इंसानियत जाग उठी। और उसने अपनी गाड़ी को धीरे धीरे उस व्यक्ति के पास ले जाकर रोका। थोड़ा सा शीशा उतारा।
पूछा “क्या बात है भाईसाब?”
बाहर खड़े व्यक्ति ने कहा “भैया, आगे उस मोड़ के बाद तुरंत एक पूल आता है। जो टूट गई है। एक बस और तीन गाड़िया खाई में जा गिरी। उसमे से एक मेरी थी। मै वक्त रहते कूद गया। इसलिए मेरी जान बच गई। इसलिए समय रहते मै आपको आगाह करना चाहता था। आपसे पहले भी एक गाडी को रोकना चाहा। लेकिन उसने नहीं सुनी और गिर गई खाई में।”
कार चलाने वाला व्यक्ति हक्का बक्का रह गया। उसने देखा की पूल वाकई टूटी हुई थी। और यह उसके लिए जीवन दान से कम नहीं था। कार रोकने वाला व्यक्ति उसके लिए फ़रिश्ते से कम नहीं था। अगर इस खतरे के बारे में वह व्यक्ति न बताता, उसे न रोकता, तो आज उसके प्राण चले गए होते। उसे अपने आप पर शर्मिंदगी हुई। क्योंकि जिसे वह कुछ देर पहले चोर उचक्का और मदद माँगने वाला समझ रहा था, वह तो बचाने वाला निकला।
ऐसा ही कुछ आज लोगो के करियर के साथ हो रहा है। जगह जगह पर खतरे है। लोग फायदा उठाने को तैयार है। और हो यह रहा है की 3 महीने से 3 साल तक मेहनत करने के बाद समझ आता है की गड़बड़ हो गई। वक्त ख़राब हो गया। और करियर भी। कई ओप्पोरच्युनिटी बाहर से बहोत ही दिलचस्प दिखती है, लेकिन जब अंदर कदम रखो तब पता लगता है की तकलीफ कहाँ है। कभी कभी बिलकुल पता नहीं चलता और सफलता भी हाथ नहीं लगती।
इसके बाद जानते है कहानी में क्या हुआ ? कार चलाने वाला व्यक्ति इसके साथ जुड़ गया और यह दोनों मिलकर हाथ दिखाकर गाड़ियों को रोकने लगे। और उस अँधेरी काली रात में इन दो लोगो ने मिलकर बहोत से लोगो की जान में बचा ली।
आज मार्किट में ढेर सारे कम्पनीज़ में सैंकड़ो नेटवर्कर्स मेहनत कर रहे है। लेकिन अफ़सोस, कुछ कारणों से, करियर बहोत ही कम लोगो का सेट हो पा रहा है।
इम्पैक्ट बिज़नेस की रचना एक आम आदमी को सही प्लेटफॉर्म देने के लिए किया गया है ताकि कोई भी इंसान इसमें बनाए सिस्टम का अनुसरण करके कम मेहनत से अपने जीवन में वो सब हासिल कर सके जो भारत के 1% लोग से कम लोग हासिल कर पाते है। शांति के साथ पैसा, समय, बेहतर लाइफस्टाइल, नए दोस्त और दूसरा बहोत कुछ। आइए आगे देखते है के एक आम व्यक्ति का जीवन किस प्रकार गुज़रता है।