CAREEREye OpenerMotivationStories

लालच और लोभ के परिणाम

 

भगवान श्री कृष्ण ने गीता में अर्जुन से कहा है – “व्यक्ति को नर्क तक यह तीन रास्ते ले जाते है और उसके पतन का कारण बनते है। वासना, क्रोध और लोभ। इसलिए ज्ञानी व्यक्ति को चाहिए कि वे इन तीनों खतरों से स्वयं को सावधान रखे और हमेशा इनसे निर्लिप्त रहे।”

एक शिष्य ने गुरु से पूछा – गुरुदेव, लोभ क्या है ? लालच कैसा होता है ? कृपया समझाए।

गुरु ने शिष्य को कहा – पास में जो चॉकलेट बनाने वाली फैक्ट्री है, उसमे जाओ। तुम्हे जो चॉकलेट सबसे ज़्यादा प्रिय हो, वो एक चॉकलेट वहाँ से ले लेना। लेकिन तुम्हे एक नियम का पालन करना होगा। तुम फैक्टरी को पूरा देखते समय वापिस नहीं लौट सकते। और केवल एक ही चॉकलेट उठा सकते हो।

शिष्य राज़ी हो गया। चल पड़ा चॉकलेट बनाने वाली फैक्ट्री की ओर। अंदर जाते ही ढेर सारे चॉकलेट सजे हुए थे। वह हक्का बक्का रह गया। कुछ ही कदम चलने पर उसे उसकी सबसे पसंदीदा चॉकलेट नज़र आई। बहोत ही खूबसूरत प्लास्टिक व्रेपर में एक सुंदर सी तश्तरी में सजाकर रखा था।

वो उसे लेने के लिए आगे बढ़ा, लेकिन उसके मन में एक नया विचार आया। आगे फैक्टरी में इससे बड़े, इससे ज़्यादा अच्छे चॉकलेट देखने मिलेंगे। जल्दी क्या है। आगे चलकर चॉकलेट ले लेंगे।

वह जैसे कुछ दूर और गया, फिर उसे एक चॉकलेट पसंद आई। लेकिन वह पहले वाले से थोड़ी कम अच्छी लगी। ऐसा ही हर बार होता रहा। घूमते हुए वह फैक्ट्री के आखिरी छोर पर पहोंच गया। लेकिन जो चॉकलेट उसने पहले देखी थी, उसके मुकाबले में दूसरे चॉकलेट उसके मन को नहीं भाये।

वह खाली हाथ अपने गुरु के पास लौट गया और उन्हें पूरी घटना समझाई।

 

 

लालची इंसान की हालत उस व्यक्ति की तरह होती है, जो डूब रहा है क्योंकि उसके पास सोने की गठरी है जिसे उसने पकड़ रखा है। उस सोने के गठरी रूपी वज़न के कारण ही वह डूब मरता है। 

आज बहोत से काबिल नेटवर्कर्स है जो सिर्फ इसलिये सफल नहीं है क्योंकि वे अपने टेलेंट को किसी कंपनी में लगाने के बजाए बेतुके प्रश्नो में खुद को उलझकर रखते है। उस दूसरी कंपनी में यह है, इसमें नहीं है क्या ? इसमें ऐसा होना चाहिए, वैसा भी होना चाहिए। वह वाली चीज़ कब आएगी। वगैरह वगैरह।

इस काबिल नेटवर्कर में इतना हुनर है कि वह किसी भी कंपनी में काम कर ले, फिर भी साल – २ साल में कामयाबी के शिखर पर खुद को पहुंचा सकता है। लेकिन उसका लोभ उसे उलझाकर रखता है। उसे हर पल, हर चीज़ में कमी दिखती है। और वह कर्म नहीं कर पाता। काम पर फोकस नहीं कर पाता।

इसलिए हर प्रकार का ताबड़तोड़ हुनर होते हुए भी, सफलता से हमेशा वंचित रहता है। इसे चाहिए कि जब जहां जितना मिले, यह देखे कि उसे पसंद है या नहीं। और अगर पसंद हो, तो फिर आगे ना सोचे। तुरंत कर्म में लग जाए और अपनी जीत निश्चित कर ले। अपने आप को हमेशा के लिए संतुष्ट कर ले।

अगर आप गौर करेंगे, तो कमियाँ हर तरफ है। आपके माता पिता में भी हो सकती है, आपके जीवन साथी में भी, आपके मित्र में भी, आपके सह कर्मचारी और आपके बॉस या कंपनी में भी। लेकिन जिस तरह आप अपने परिवार के साथ मन मनाकर ख़ुशी से रहते है, उसी तरह एक अच्छे प्लेटफॉर्म के मिलने पर उसमे पूरी एकाग्रता और निष्ठां से मन लगाकर कर्म में जुट जाए।

 

अंत में यही कहेंगे, की आज ही के दिन, अगर इम्पैक्ट बिज़नेस आपने देख और समझ लिया है, तो सिर्फ इतना सोचे। क्या इससे अच्छा बिज़नेस या काम दूसरा कोई है आपके पास ??? अगर है, तो तुरंत उस काम को शुरू करे और पुरे दिल से उसमे मेहनत कीजिए। लेकिन अगर मिशन इम्पैक्ट से अच्छा और आसान काम आपके पास नहीं है, तो फिर तुरंत इस बिज़नेस को शुरू करे और तीन से छ महीना मन लगाकर काम करके अपने आप को सफल बना ले। 

क्या आपने सही प्लेटफॉर्म, किशोरीलाल जी का खज़ाना और आम की कहानी पढ़ी ? नीचे क्लिक करके ज़रूर पढ़े।  

 

 

 

2 thoughts on “लालच और लोभ के परिणाम

  1. Hi कंपनी के बारे में पूरा परिचय करवाने का कष्ट करें आपको भगवान लंबी आयु देगा!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *