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NETWORKER’S INQUIRY PATTERN

 

आजकल नेटवर्कर्स इन्क्वयरी ऐसे करते है

 

प्रकाश एक नेटवर्कर है जो फोन पर पहली बार एक कंपनी की इन्क्वयरी कर रहे है। रोहन, जो कि एक अनुभवी नेटवर्कर है वो उनसे वार्तालाप करता है।

 

प्रकाश: नमस्कार सर! प्रकाश बात कर रहा हूँ कोटा, राजस्थान से।
रोहन: नमस्कार प्रकाशजी ! कैसे है आप?

 

प्रकाश: जी बहोत बढ़िया। मै 5 साल से नेटवर्किंग कर रहा हूँ। मैंने आपका पोस्ट देखा था फेसबुक पर। तो क्या डिटेल है बताएँगे?
रोहन: जी ज़रूर। एक बहोत ही बढ़िया प्रोजेक्ट है जिसमे 6 महीना अगर कोई व्यक्ति काम करे तो एक सिक्योर और स्टेबल करियर का निर्माण आसानी से कर सकता है। पचास – साठ हज़ार की इनकम कमा लेना कोई बड़ी बात नहीं है।

 

प्रकाश: अच्छा ! कंपनी कहाँ की है यह ?
रोहन: जी गौहाटी से है।

 

प्रकाश: अच्छा। कितने प्रोडक्ट्स है?
रोहन: जी बहोत सारे है।

 

प्रकाश: कंपनी के डायरेक्टर का बैकग्राउंड क्या है ?
रोहन: जी काफी बढ़िया तजुर्बा है डाइरेक्टर साब का। ट्रेडिशनल बिज़नेस के दिग्गज है अपने शहर में। अपनी ऑफिस है। खुद काफी पढ़े डिग्री होल्डर है। वैल क्वालिफाइड है।

 

प्रकाश: अच्छा। बढ़िया है जी। कंपनी कब से चल रही है जी ?
रोहन: जी 3 साल से ऊपर हो गया रजिस्ट्रेशन करवाएं। पुरे भारत में बिज़नेस फ़ैल रहा है।

 

प्रकाश: अच्छा। लीगल डॉक्युमेंट्स देखने मिलेंगे ?
रोहन: जी बिलकुल मिलेंगे। भेज देंगे आपको। एक बात पूछ सकता हूँ आपसे ?

 

प्रकाश: जी ज़रूर।
रोहन: यह कंपनी गौहाटी में न होकर अगर भोपाल या हैदराबाद में होती, तो आप नहीं करते क्या ?

 

प्रकाश: (प्रकाशजी भौंचक्के से सोचते हुए) जी मतलब ?
रोहन: मतलब यह कि आज तक आपने पचासो कंपनी देखी होंगी। कौनसी कंपनी के पास लीगल डॉक्युमेंट्स नहीं देखे आपने ? कौनसी कंपनी ऐसी मिली जिसकी ऑफिस ना हो ? कौनसी कंपनी का प्रोफ़ाइल खराब था ? सब अच्छे ही थे ना ? बताइए ?

 

प्रकाश: जी। बात तो सही कह रहे है।
रोहन: यह सब दिखावा करने की चीज़े तो सभी के पास होता ही है ना ? फिर भी 98 % कंपनियो ने नेटवर्कर्स को लूट कर अपने ऑफिस पर ताला लगा दिया। हज़ारो करोड़ के घपले हुए। लूट मची। सपने टूटे। नेटवर्कर भाइयों का करियर धराशायी हो गया। हज़ारो डिस्ट्रीब्यूटॉरो की टीम टूट गई। बहोत से लोग हताश, और बहोत से दूसरे लोग बर्बाद भी हुए। कंपनी का मालिक गायब हो गया। आपने या किसी और लीडर ने क्या उखाड़ लिया ???

 

प्रकाश: (सोचते हुए) जी, कुछ नहीं उखाड़ा।
रोहन: तो आज सिर्फ आप नहीं, सभी लीडर्स ने नई किसी कंपनी में काम करने से पहले लीगल डॉक्युमेंट्स देखे, लीडरों की इनकम देखी, वेबसाइट देखी, ऑफिस देखी, डाइरेक्टर के साथ चाय पी, सर्टिफिकेट देखे, प्रॉडक्ट देखे जो अक्सर काम के भी नहीं होते, सेमिनार अटेंड किए, कंपनी की जय जयकार करते रहे, वाह वाह करते गए, लेकिन फिर भी करियर बना ? क्या आपके बैंक एकाउंट में पैसा आता रहा ? क्या लोगो ने उसे स्वीकार किया ? हर महीने रिपर्चेस हुआ अपने आप ?

 

प्रकाश: (सर खुजाते हुए) जी नहीं हुआ।
रोहन: तो फिर जब नहीं हुआ, तो आप मेरे साथ भी वही चीज़ें क्यों रिपीट कर रहे हो ? यह सब मै दिखा भी दू, तो भी क्या फायदा क्या होगा यह बताइए ? आप क्यों इन बातों में एक बार फिर फँसना चाहते हो। 5 साल से आप नेटवर्क मार्केटिंग कर रहे हो। और 5 साल गुज़र जाएंगे तब भी नतीजे नहीं बदलेंगे। ऐसा मेरा मानना है। क्योंकि यही सब अगर आज भी देखना हो तो मोदीशेर, येसवे, हरिबोल लाइफ, यौर स्टाइल, पीवा, क्लेष्टिज जैसी बहोत सी कंपनिया है न मार्किट में? बहोत बड़ी बड़ी बाते सुनाते है इनके लीडर्स। आपको बहोत पसंद और आपका ब्रेनवॉश भी हो जाएगा। आप क्यों नहीं कर लेते उनमे काम ?

 

प्रकाश: जी बार बार टीम टूट जाती है। रिपर्चेस होते नहीं है। पहले घर में जो चीज़ 50 रूपए की लाते है आज वही चीज़े 80 रूपए से 120 रूपए की खरीद रहे है। खुद महँगा ले रहे है और दुसरो को भी महँगा दिलवा रहे है। लोग दोबारा लेते नहीं है। हैल्थ के प्रोडक्ट्स 10 लोगो को बेचो तो 2 लोगो के भी रिज़ल्ट नहीं निकलते। नाम हमारा खराब होता है। इनकम होती नहीं है। आपका मैसेज पढ़कर अच्छा लगा, कुछ अलग लगा। इसलिए फोन किया।
रोहन: वो तो ठीक किया प्रकाशजी। लेकिन आप जो जानकारियाँ माँग रहे हो, वह आपको मिल भी जाए तब भी आपका करियर सेट नहीं होगा। यह सब से प्रोस्पेक्ट का कुछ देर के लिए आप ब्रेनवॉश तो कर सकते हो। मगर बादमे वही हताशा फिर से आपको घेर लेगी। क्यों वकील बने फिर रहे हो ? कंपनी कहाँ से है ? अरे सब भारत के ही होते है। सबके पास सर्टिफिकेट होते है। लेकिन करियर नहीं होता डिस्ट्रीब्यूटर्स के लिए। तो आप करियर ढूंढो ना ? जो आपको देखना चाहिए वह तो आप देखते ही नहीं। कंपनी के डिटेल्स कंपनी के डिटेल्स सब जगह एक से ही होते है। माफ़ी चाहता हूँ अगर मेरी कोई बात आपको बुरी लग गई हो तो। लेकिन मै नहीं चाहता की एक बार फिर आपका वक्त और करियर खराब हो। यहाँ या किसी और कंपनी में। इसलिए थोड़ा ज़्यादा बोल दिया। अगर वैध या डॉक्टर आपको कड़वी दवाई दे तो समझ लीजिए वो आपका भला चाहता है, आपको स्वस्थ देखना चाहता है।

 

प्रकाश: नहीं नहीं रोहनजी। इसमें बुरा मानने वाली कौनसी बात है। आपने जो कहा सब सही कहा। धन्यवाद आपका यह अहसास करवाने के लिए। मै खुद क्लेस्टीज कंपनी में 6 महीने से काम कर रहा हूँ। पर इनकम नहीं हो पा रही है।
रोहन: आप क्लेस्टीज करते है। यह तो बहोत बढ़िया, बहोत बड़ी कंपनी है। बहोत से सर्टिफिकेट है। करोडो लोग पहले ही जुड़े हुए है। थोड़ी बहोत जानकारी इस कंपनी कि मै भी रखता हूँ। चंद सवाल करू आपसे तो आप बुरा तो नहीं मानेंगे ?

 

प्रकाश: नहीं नहीं सर। पूछिए जो पूछना है।
रोहन: आपको पता ही होगा क्लेस्टीज में लीडर बोनस है 16%। उसमे एक अपलाइन-डाउनलाइन गेरेंटी वाली बात भी है। आप समझा सकते है वो कैसे काम करता है ?

 

प्रकाश: नहीं जी। पता नहीं मुझे।
रोहन: कमाल है। आप 6 महीनों से क्लेस्टीज में काम कर रहे हो। टीम भी होगी अच्छी खासी। फिर भी पता नहीं? चलिए कुछ और पूछता हूँ। आपकी कंपनी में जो क्राउन एम्बेसेडर बनता है, उसके निचे छह डाइरेक्टर लेग होते है। सही है न ?

 

प्रकाश: जी बिलकुल सही। आपको काफी ज्ञान है मेरी कंपनी का।
रोहन: (हँसते हुए) अरे सर। ऐसा मत कहिए। काम तो उसमे आप करते है। खैर, तो प्रत्येक डाइरेक्टर को क्वालीफाई होने के लिए 30000 बिज़नेस वॉल्यूम का बिज़नेस करना पड़ता है। सही है ना ?

 

प्रकाश: जी बिलकुल सही।
रोहन: तो अगर ऐसा कोई क्राउन एम्बेसेडर हो, जिसके निचे प्रत्येक 6 डाइरेक्टर ने 30000 बिज़नेस वॉल्यूम का काम किया हो, तो इस क्राउन एम्बेसेडर की इनकम क्या होगी ?

 

प्रकाश: जी पता नहीं।
रोहन: कमाल है। और आप मेरी कंपनी के डिटेल्स के पीछे पड़े हो? खैर, आप कभी तसल्ली से गिनिएगा। 16000 रूपए के आसपास इनकम होगी ऐसे क्राउन एम्बेसेडर की।

 

प्रकाश: क्या कह रहे है रोहन जी। हम तो सोचते थे की यह लीडर लाखों कमाते है हर महीने। अब समझ आया की बहोत से डायमंड, क्राउन वगैरह बिज़नेस छोड़ क्यों दिए थे।
रोहन: वह बात ज़रूरी नहीं है। ज़रूरी मुद्दा यह है कि आप 6 महीनो से अपने कंपनी में काम कर रहे हो, टीम बढ़ रही है, लेकिन अब भी आपको आप ही के कंपनी का प्लान ठीक से नहीं पता। और यहां आप कंपनी के वो डिटेल्स माँग रहे हो जो बहोत सामान्य है। कंपनी की जय जयकार करने से कंपनी पैसे नहीं देती। वह अपने प्लान के हिसाब से ही आपको पैसे देगी। आपको हमारे प्लान के बारे में जानकारी लेनी चाहिए थी, उसके बारे में सवाल करना चाहिए था।

 

प्रकाश: आप सही कह रहे है रोहनजी। आपने आँखे खोल दी मेरी। शायद इसलिए मै अब तक सफल नहीं हो पाया अपने करियर में। गलत चीज़ों पर ध्यान लगा रहता था। अब समझ आ रहा है कि कंपनी पैसा तो प्लान के हिसाब से और हमारे काम के हिसाब से ही देगी। फिर क्यों हम इतनी जय जयकार करके कंपनी को भगवान बना लिए ? अंधभक्त बनते रहे लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। आपने अहसास करवा दिया कि गलत चीज़ो पर ध्यान न देकर सही चीज़ों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। रोहन जी, आपसे मिलना हो तो ? और क्या कंपनी की ऑफिस विजिट कर सकते है ?
रोहन: जी मोस्ट वेलकम। कभी भी ऑफिस विजिट कीजिए। आप सिर्फ आ जाइए, फिर आप मेरे गेस्ट है।

 

 

 

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