श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा : जिस प्रकार धुंआ अग्नि को ढक धूल दर्पन को, और झिल्ली गर्भ को, उसी प्रकार मनुष्य के बुद्धी और विवेक को उसका मोह, काम और वासना ढक देता है।
बायनरी कंसेप्ट
भारत में आज काफी एम.एल.एम. कम्पनियाँ खुल रही है जिनका प्लान बायनरी होता है और पैर कमीशन मिलता है। लोगो को बताया जाता है के वे कम समय में, कम मेहनत से ज़्यादा पैसा कमा सकते है और जल्दी से करोड़पति बन सकते है। आपको ऐसे लोगो से भी मिलवाते है जिन्होंने काम समय में अच्छी इनकम कमा ली होती है। ऐसे कम्पनियो से सावधान रहे।
हम जो आगे आपको बताएँगे वो शायद आपके आँखों पर से पर्दा हटाकर आपको सही राह दिखा सके। विश्व की टॉप 50 एम.एल.एम. कम्पनियों में से एक भी कंपनी ने बायनरी प्लान नहीं अपनाया। क्या टॉप 50 कम्पनियाँ तेज़ी से आगे नहीं बढ़ना चाहते ? क्या वे मुर्ख है ? क्या वे अपने कंपनी का या उनके डिस्ट्रीब्यूटरो का प्रगति नहीं चाहते ?
बायनरी एक प्रकार की पिरामिड स्कीम होती है। पिरामिड स्कीम कई देशो में पोंज़ी स्कीम से जानी जाती है और इन्हे उन देशो ने अवैध व् गैर कानूनी बताया है और इन्हे उन देशो में मान्यता नहीं दी गई। कई देशो के सरकार ने बायनरी प्लान को गलत ठहराया है। भारत में अब तक 5000 से अधिक एम.एल.एम. कम्पनियाँ रजिस्टर हो चुकी है जिनमे से 97% कम्पनियाँ बायनरी कॉन्सेप्ट से बाजार में उतारते है। आज लगभग सारे ऐसे कम्पनियो पर ताला लग चूका है। और दूसरे कम्पनियों ने अपने प्लान को ही बदल दिया। ऐसा होने से उस कम्पनी के लीडर्स व् डिस्ट्रीब्यूटर्स ने कंपनी पर से भरोसा खो दिया, उनके लक्ष्य, सपने, आशाएं वगैरह धुल में मिल गए। उनका करियर धुल में मिल गया। यह मानसिक तौर पर भी बहोत ही बड़ा झटका होता है क्योंकि इससे उसके गुडविल और आत्मविश्वास को भी ठेस पहोचता है। आपके साथ ऐसा न हुआ हो तो अच्छा है।
बायनरी प्लान में ऐसा क्यों होता है यह समझा पाना यहाँ संभव नहीं। पर इतना पर्याप्त है के *क्या आप एक भी ऐसी बायनरी प्लान वाली कंपनी के बारे में जानते हो जो पैर कमीशन देती हो, 5-7 साल से कार्यरत भी हो और कम्पनी ने अपना प्लान भी न बदला हो ???
बायनरी कंपनी में जुड़ना जुआ खेलने जैसा है। और जुए में कुछ भी हो सकता है। अपने जीवन या करियर के साथ जुआ खेलना ठीक नहीं। इसलिए अपने मोह, लोभ को काबू में रखे। खुद उसके काबू में ना आ जाए। बायनरी प्लानों से और उन्हें चलाने वाली कम्पनियों से दूर ही रहे।
ध्यान दे कि हम बाइनरी में केवल उन्ही प्लान्स की बात कर रहे है जो पैर कमीशन देते है मैचिंग होने पर। इनमे से ज़्यादातर कंपनिया कुछ साल चलने के बाद बंद हो चुकी है। करियर का खतरा इस लिए बना रहता है।
